वो जो वीरान फिरा करता है By एहसास, बेकसी, Ghazal << यूँ तो तन्हाई में घबराए ब... मैं नाम-लेवा हूँ तेरा तू ... >> वो जो वीरान फिरा करता है उस के सर में कोई सहरा होगा तुझ से दिल तेरे परस्तारों का टूटते टूटते टूटा होगा झुक के जो आप से मिलता होगा उस का क़द आप से ऊँचा होगा वो जो मरने पे तुला है 'अख़्तर' उस ने जी कर भी तो देखा होगा Share on: