वो नहीं हम जो डर ही जावेंगे दिल में जो है सो कर ही जावेंगे तुझ से जिस दम जुदा हुए मिरी जान फिर ये सुनियो कि मर ही जावेंगे दीद फिर फिर जहान की कर लें आख़िरश तो गुज़र ही जावेंगे जी तो लगता नहीं जहाँ दिल है हम भी अब तो उधर ही जावेंगे बे-ख़बर जिस तरह से आए हैं इस तरह बे-ख़बर ही जावेंगे तुझ को ग़ैरों से काम है तो रह हम भी अब अपने घर ही जावेंगे दिल को लिख पढ़ के दीजियो तू 'हसन' वर्ना दिलबर मुकर ही जावेंगे