वफ़ा की राह में दुश्वारियाँ बहुत सी हैं मगर जुनूँ की भी तय्यारियाँ बहुत सी हैं जलाल अपनी मोहब्बत का सब से ऊँचा है बदन में ऐसे तो बीमारियाँ बहुत सी हैं हमारे पास फ़क़त दिल का दर्द है लेकिन तुम्हारे पास तो अय्यारियाँ बहुत सी हैं हर एक शख़्स की फ़िक्रें जुदा जुदा ठहरीं जहान-ए-आम में ख़ुद्दारियाँ बहुत सी हैं वफ़ा की सारी मिसालें गिना तो दूँ लेकिन वतन में अपने भी ग़द्दारियाँ बहुत सी हैं दिलों में पलते हुए ख़्वाब जानते ही नहीं तबाह करने को बे-कारियाँ बहुत सी हैं किसी ने मुझ से कहा था कि यार सुन तो सही अदा में हुस्न की मक्कारियाँ बहुत सी हैं सजी है बज़्म-ए-मोहब्बत ये जान किस के लिए यहाँ तो लोगों में बेज़ारीयाँ बहुत सी हैं 'नदीम' क्यूँ तू तह-ए-इज़्तिराब डूब गया दिलों के खेल में भी पारियाँ बहुत सी हैं