यारो कू-ए-यार की बातें करें फिर गुल ओ गुलज़ार की बातें करें चाँदनी में ऐ दिल इक इक फूल से अपने गुल-रुख़्सार की बातें करें आँखों आँखों में लुटाए मय-कदे दीदा-ए-सरशार की बातें करें अब तो मिलिए बस लड़ाई हो चुकी अब तो चलिए प्यार की बातें करें फिर महक उट्ठे फ़ज़ा-ए-ज़िंदगी फिर गुल ओ रुख़्सार की बातें करें महशर-ए-अनवार कर दें बज़्म को जल्वा-ए-दीदार की बातें करें अपनी आँखों से बहाएँ सैल-ए-अश्क अब्र-ए-गौहर-बार की बातें करें उन को उल्फ़त ही सही अग़्यार से हम से क्यूँ अग़्यार की बातें करें 'अख़्तर' उस रंगीं अदा से रात भर ताला-ए-बेदार की बातें करें