यास की अंधी दीवारों में एक दरीचा ढूँढ लिया या'नी हम ने दिल के अंदर ख़्वाब का कमरा ढूँड लिया तुझ को खो देने का दुख भी ज़ब्त किया था हम ने पर टूट गए जब तेरे बदले हम ने दूजा ढूँढ लिया हम को ही है शौक़ बहुत कि प्यास की शिद्दत जानेंगे वर्ना हम तो ऐसे हैं जब चाहा दरिया ढूँढ लिया कलियाँ भँवरे सागर मोती बारिश तितली इन्द्र-धनुष तुम आए तो हम ने दिल के अंदर क्या क्या ढूँढ लिया इक मजनूँ था सहरा सहरा ख़्वार हुआ और इक हम हैं एक तमाशा ख़त्म हुआ तो एक तमाशा ढूँढ लिया दुनिया की टकसाल में आकर जाने हम को क्या सूझी सब कुछ छोड़ के चाहत का इक खोटा सिक्का ढूँढ लिया