ये भी नहीं बीमार न थे इतने जुनूँ-आसार न थे लोगों का क्या ज़िक्र करें हम भी कम अय्यार न थे घर में और बहुत कुछ था सिर्फ़ दर-ओ-दीवार न थे तेरी ख़बर मिल जाती थी शहर में जब अख़बार न थे पहले भी सब बिकता था ख़्वाबों के बाज़ार न थे सब पर हँसना शेवा था जब तक ख़ुद उस पार न थे मौत की बातें प्यारी थीं मरने को तय्यार न थे