ये फ़न ये इल्म-ओ-अदब बाँटना हमारे बा'द हमारे नाम को मत पूजना हमारे बा'द हैं दोस्त इतने मगर साथ कौन देता है किसी को आज़मा के देखना हमारे बा'द बताएँगे तुम्हें वो अहल-ए-अदब अहल-ए-क़लम हमारे बारे में तुम पूछना हमारे बा'द अभी तो रहने दो जैसा भी घर का नक़्शा है हमारी गद्दी पे तुम बैठना हमारे बा'द वबाल कोई भी आए तो हौसला रखना हमारे नक़्श-ए-क़दम ढूँढना हमारे बा'द अभी तो ऐश करो सर-परस्त ज़िंदा है पे ख़्वाहिशात को तुम रोकना हमारे बा'द अभी तो ज़िंदा हैं आ कर मिला करो यारो जो भूलना है हमें भूलना हमारे बा'द जो आज करते हैं हम को 'शफ़क़' नज़र-अंदाज़ करेंगे याद हमें देखना हमारे बा'द