ये हादसा भी तो कुछ कम न था सबा के लिए गुलों ने किस लिए बोसे तिरी क़बा के लिए वहाँ ज़मीन पर उन का क़दम नहीं पड़ता यहाँ तरसते हैं हम लोग नक़्श-ए-पा के लिए तुम अपनी ज़ुल्फ़ बिखेरो कि आसमाँ को भी बहाना चाहिए महशर के इल्तवा के लिए ये किस ने प्यार की शम्ओं को बद-दुआ दी है उजाड़ राहों में जलती रहें सदा के लिए अभी तो आग से सहरा पड़े हैं रस्ते में ये ठंडकें हैं फ़साने की इब्तिदा के लिए सुलग रहा है चमन में बहार का मौसम किसी हसीन को आवाज़ दो ख़ुदा के लिए