ये जो लाहौर से मोहब्बत है ये किसी और से मोहब्बत है और वो और तुम नहीं शायद मुझ को जिस और से मोहब्बत है ये हूँ मैं और ये मिरी तस्वीर देख ले ग़ौर से मोहब्बत है बचपना कम-सिनी जवानी आज तेरे हर दौर से मोहब्बत है एक तहज़ीब है मुझे मक़्सूद मुझ को इक दौर से मोहब्बत है उस की हर तर्ज़ मुझ को भाती है उस के हर तौर से मोहब्बत है