ये तसव्वुर का वार झूटा है ख़्वाब झूटे हैं सार झूटा है फूल तुम तोड़ लाए शाख़ों से क्या बहारों से प्यार झूटा है आँखों में कुछ ज़बान पर कुछ है तेरा किरदार यार झूटा है सारी गुस्ताख़ियाँ रहीं क़ाएम उस पे रुत्बा वक़ार झूटा है लापता हूँ मैं घर नहीं कोई चिट्ठी झूटी है तार झूटा है मौत से तेज़ दौड़ किस की है उम्र पर शहसवार झूटा है धूप के शूल बिखरे हैं हर सूँ चाँदनी का ख़ुमार झूटा है आँखों में रख हुनर तकल्लुम का लफ़्ज़ों पर ए'तिबार झूटा है बार-ए-ख़ातिर है हम को फ़िक्र-ए-ज़ीस्त हसरतों का मज़ार झूटा है टूटना आइने की फ़ितरत है पत्थरों से क़रार झूटा है 'चाँद' कब तक करोगे दिल का यक़ीं आप का इंतिज़ार झूटा है