ये उस की नींद को क्या हो गया है By Ghazal << नफ़रत की आग जलने लगी तेरे... सुबूत-ए-जुर्म न मिलने का ... >> ये उस की नींद को क्या हो गया है मिरी आँखों में शब भर जागता है यहाँ कैसे रहें महफ़ूज़ चेहरे यहाँ टूटा हुआ हर आइना है यक़ीं इस बात का अब तक नहीं है कि मेरी प्यास से दरिया बड़ा है दिमाग़-ओ-दिल हैं पहरे-दार जैसे जो इक सोए तो दूजा जागता है Share on: