ज़िंदगी है तो वो हंगाम भी आ जाएगा उन के होंटों पे मिरा नाम भी आ जाएगा मिशअल-ए-राह बनेगी मिरी वहशत इक दिन दिल-ए-नाकाम कभी काम भी आ जाएगा सरगुज़श्त-ए-ग़म-ए-दिल कहते हुए डरता हूँ ख़ौफ़ ये है कि तिरा नाम भी आ जाएगा उन से इक़रार-ए-वफ़ा कर के बहुत हम ख़ुश थे ये न समझे थे कि इल्ज़ाम भी आ जाएगा ज़ौक़-ए-नज़्ज़ारा सलामत है तो 'ज़मज़म' इक दिन जल्वा-ए-दोस्त लब-ए-बाम भी आ जाएगा