एक दिन सय्यद इंशा नवाब आसिफ़-उल-दौला साहिब के साथ बैठे खाना खा रहे थे। गर्मी से घबरा कर दस्तार सर से उतार कर रख दी थी। मुँडा हुआ सर देखकर नवाब साहिब की तबीयत में चुहल आई, हाथ बढ़ा कर पीछे से एक धौल मारी। इंशा ने जल्दी से टोपी पहन ली और कहने लगे सुब्हान-अल्लाह बचपन में बुज़ुर्गों से सुना करते थे, वो बात सच्च है कि नंगे-सर खाना खाते हैं तो शैतान धौलें मारता है।