मसूरी के मुशायरे से वापसी पर जगन्नाथ आज़ाद, हरिचंद अख़्तर, बिस्मिल सईदी टोंकी कुछ और शाइ’रों के साथ सफ़र कर रहे थे। हरिचंद अख़्तर ने बातचीत के दौरान कहा मसूरी का मुशायरा बहुत बेकार रहा है। आज़ाद साहिब इज़हार-ए-हैरत करते हुए बोले, “अख़्तर साहिब मुशायरा तो बहुत कामयाब था।” इस पर अख़्तर साहिब बोले: “न शुअ’रा की आपस में लड़ाई हुई, न गाली गलौच हुई, न मुआ’वज़े की कमी बेशी का झगड़ा हुआ, और न ही होटल वालों की कोई चीज़ गुम हुई। क्या ख़ाक कामयाब मुशायरा था।”