साहिर लुधियानवी के किसी दोस्त ने उससे कहा, “यार साहिर! अब तो तुम्हारी ज़िंदगी हर ए’तबार से आसूदा है। अब तो तुम्हें शादी कर लेनी चाहिए।” साहिर ने ग़ैर मा’मूली तौर पर संजीदा हो कर जवाब दिया, “चाहता तो मैं भी हूँ, लेकिन किसी ऐसी ख़ातून के साथ करना चाहता हूँ जो कुँवारी होने के साथ-साथ इंटेलेक्चुअल भी हो लेकिन ट्रेजडी ये है कि दोनों सिफ़ात एक ही वक़्त में किसी एक लड़की में नहीं मिलतीं, या तो वो कुँवारी होती है या इंटेलेक्चुअल।”