हंगामा-ए-ग़दर के बाद जब मिर्ज़ा ग़ालिब की पेंशन बंद थी। एक दिन मोती लाल, मीर-ए-मुंशी लेफ्टिनेंट गवर्नर बहादुर पंजाब, मीरज़ा साहिब के मकान पर आये। दौरान गुफ़्तगु में पेंशन का भी ज़िक्र आया। मीरज़ा साहिब ने कहा, “तमाम उम्र अगर एक दिन शराब न पी हो तो काफ़िर और अगर एक दफ़ा नमाज़ पढ़ी हो तो गुनहगार, फिर मैं नहीं जानता कि सरकार ने किस तरह मुझे बाग़ी मुसलमानों में शुमार किया।”