मजाज़ का वुज़ू Admin करवा चोथ शायरी, Latiife << मजाज़ के कबाब, फ़िराक़ का गो... ख़ालिस ‘ज़बान’ के शे’र >> एक अदब नवाज़ मजिस्ट्रेट ने मजाज़ को बस्ती आने की दा’वत दी। मजाज़ ने कहा, “कुछ काम की बात भी होगी।” उसने जवाब दिया, “तुम आओ तो नहला दूंगा।” मजाज़ मुस्कराकर बोले, “ख़ैर वहां तो नहला दोगे। यहां कम अज़ कम वुज़ू तो करवा ही दो।” Share on: