पलको के किनारे हमने भिगोए ही नहीं Admin Love << और ज्यादा भड़काते हो तुम त... दिल में हर राज़ दबा कर रखत... >> पलको के किनारे हमने भिगोए ही नहींवो सोचते है हम रोए ही नहींवो पूछते है ख्वाब में किसे देखते होहम है कि एक उम्र से सोए ही नहीं।This is a great सागर किनारे शायरी. Share on: