अपनी ज़िन्दगी का अलग उसूल है Admin ज़िन्दगी हिंदी शायरी, Love << ज़रा साहिल पे आकर वो थोड़ा ... कुछ मतलब के लिए ढूँढते है... >> अपनी ज़िन्दगी का अलग उसूल हैप्यार की खातिर तो काँटे भी कबूल हैंहँस के चल दूँ काँच के टुकड़ों परअगर तू कह दे ये मेरे बिछाये हुए फूल हैं।This is a great अपनी पहचान शायरी. Share on: