पढ़ के जुग़राफ़िया समझ लेंगे अब्र क्या चीज़ है हवा क्या है वोट लेने को आएँगे झुक कर जो नहीं जानते वफ़ा क्या है सर से पा तक सुपुर्दगी की अदा या इलाही ये माजरा क्या है मार्च इकत्तिस की लूट है यारो मुफ़्त हाथ आए तो बुरा क्या है दस्तख़त कर के ब्लैंक चेक दे दे और दरवेश की दुआ क्या है हाल क़ाबू में है वो कहते हैं फिर ये हंगामा ऐ ख़ुदा क्या है