कुछ कहना है और कुछ न कहे चले जाना ये कब तक चलेगा तुम्हारा हम पर यूँ मर मर के जिए जाना ऐसा कब तक चलेगा ये जो तुम नए बहानों से हमें देखने आते हो सब समझ आता है हम तुम्हें देख लें और तुम्हारा बे-साख़्ता मुँह फेर जाना ऐसा कब तक चलेगा लो आ गए तुम्हारे दोस्त फिर क़ासिद बन आशिक़ का हाल बुरा है इन का ये मुझे बताए जाना ऐसा कब तक चलेगा मैं ने तो कभी नहीं रोका तुम्हें मेरा हाथ थामने से तुम्हारा हर रोज़ इतने क़रीब से गुज़र जाना ऐसा कब तक चलेगा नहीं जानते तुम्हारी क्या है हसरत तो ये जान-बूझ कर शाइरी में अपनी सब कहे जाना ऐसा कब तक चलेगा तुम से नहीं होता तो एक क़दम मैं ही आगे बढ़ाती हूँ 'गीत' अब तेरा ये एक क़दम आगे बढ़ा दो पीछे हो जाना ऐसा कब तक चलेगा