सफ़र ज़िंदगी की अलामत है लेकिन सभी रास्ते खोटे सिक्कों की तरह मिरी जेब में जाने कब से पड़े हैं हवाओं में पीला धुआँ भर गया है कई साल पहले मैं उन से मिला था वो जिन की राहों में थी रौशनी उन्हों ने कहा था सफ़र ज़िंदगी की अलामत है चलते रहो मगर आज मैं उस जगह आ गया हूँ जहाँ कुछ नहीं है हवाओं में पीले धुएँ के सिवा