अमाँ By Nazm << ख़्वाब-कार नन्हा मुन्ना तारा >> धूप से तप रही है छत फ़र्श पर लेटी हुई है छिपकिली मक्खियाँ जालियों में छुप गईं हैं नालियों में घुस गए कुत्ते मैं कहाँ जाऊँ Share on: