मैं सूरत में अच्छा नहीं हूँ मगर मुझे देख लो तुम ज़रा तोड़ कर मैं अंदर से आउँगा तुम को पसंद मिरे पेट में सुर्ख़ मोती हैं बंद वो मोती अगर कुछ दिनों खाओगे तो तुम ख़ुद को तंदुरुस्त भी पाओगे जो दाँतों में अपने दबाओगे तुम तो मीठा अरक़ मुँह में पाओगे तुम मिरा नाम है प्यारे बच्चो अनार करो शुक्र रब का अदा बार बार कि ने'मत बना कर उसी ने मुझे ज़मीं पर उगाया तुम्हारे लिए