अंधा सफ़र By Nazm << कतबा ज़रा सी देर में >> जाने कब से यूँही जिस्मों के ख़राबों में आवारा ये लोग चेहरा चेहरा गर्द गर्द दस्त-ओ-पा दरमांदगी जाने कब तक लोग चलते रहेंगे अपने काँधों पर लिए अन-देखा बोझ Share on: