अंजाम By Nazm << बगूले शोर करते हैं अबस >> हमेशा मैं ने देखा है कि सूरज शाम होते ही समा जाता है अपनी मौत की आग़ोश में लेकिन अजब है मौत की वादी जहाँ से लौट कर कोई नहीं आता अगर है ज़िंदगी सूरज तो इक दिन ढल ही जाएगी जतन करते रहोगे लाख वापस फिर न आएगी मगर सूरज तो आएगा Share on: