गुम-सुम सी जब भी उदास होती हूँ चुपके से चला आता है वो धीरे से मुस्कुराता है और दिल में समा जाता है वो अपनी रस भरी आवाज़ में मीठी मीठी बातों से दिल को बहलाता है वो और धीमे से कहता है कि कर लो मेरा यक़ीन मैं ही तुम्हारी चाहत हूँ प्यार से कर लो मुझे क़ुबूल क्यूँ-कि मैं ही तुम्हारी अनमोल चाहत हूँ