बाज़ीचा By Nazm << दरख़्वास्त तराना-ए-उर्दू >> एक दूसरे के इलाज वास्ते आओ तबीब तबीब खेलें वर्ना आज मैं और कल तुम मुझे पहचान नहीं पाओगे Share on: