बाज़ार से आए हैं चीनी से बनाए हैं मीठे हैं करारे हैं ले लो ये बताशे हैं गुम्बद से ये लगते हैं उबले हुए अंडे हैं जो बीच से काटे हैं ले लो ये बताशे हैं रँग रूई सा इन का है हलवाई ने धुनका है इस्कूल में बाँटे हैं ले लो ये बताशे हैं मुँह में इन्हें रक्खो तो इन का मज़ा चक्खो तो ये खेल तमाशे हैं ले लो ये बताशे हैं