मुझे लिखना था सरशारी मुझे लिखना था दिलदारी मुझे लिखना था अपना हल्फ़-नामा और बयान-ए-इस्तिग़ासा बादशाह-ए-वक़्त के मग़रूर ऐवान-ए-अदालत में उमडती ख़ल्क़ की मौजूदगी में वारदात-ए-क़त्ल-ए-ख़ूबाँ के हक़ाएक़ और बयान-ए-ख़ल्क़-ए-बरहम मैं क़ासिद था ग़ुलामों का फ़रस्तादा मिरे होने में मुज़्मर थी ख़राबी जुमला इम्कानात-ए-मोहलिक इक भरी बंदूक़ मैं शाइ'र था मुझे एलान करना था मिरे एलान पर होनी थी सफ़-बंदी हिसाब-ए-ख़ूँ-बहा बेबाक होना था रबाब-ए-ज़ि़ंदगी पर आरज़ू का अलमिया गाना अलल-ऐलान चौराहों पे बे-ख़ुद होना गाना रक़्स करना और मर जाना मिरा मंसब मुक़र्रर था