प्यार का दिल ने नग़्मा सुनाया जब ज़बाँ पर तिरा नाम आया दिल ने बे-साख़्ता ये पुकारा तू भुलाने के क़ाबिल नहीं है चाचा नेहरू तुम्हारी मोहब्बत भूल जाने के क़ाबिल नहीं है हम भी पहुँचेंगे उन मंज़िलों पर जिन का रस्ता बताया है तुम ने हाँ तुम्हारा जो नक़्श-ए-क़दम है वो मिटाने के क़ाबिल नहीं है चाचा नेहरू तुम्हारी मोहब्बत भूल जाने के क़ाबिल नहीं है रौशनी फिर न ढूँडे मिलेगी छाएगा सारे जग में अंधेरा जो दिया तुम ने रौशन किया है वो बुझाने के क़ाबिल नहीं है चाचा नेहरू तुम्हारी मोहब्बत भूल जाने के क़ाबिल नहीं है तुम थे अम्न-ओ-अमाँ के पयम्बर सारी दुनिया ने माना है रहबर आप की रहबरी जो न माने इस ज़माने के क़ाबिल नहीं है चाचा नेहरू तुम्हारी मोहब्बत भूल जाने के क़ाबिल नहीं है