छै रंगीं दरवाज़े Admin अंदाज़ ए शायरी, Nazm << छाजों बरसती बारिश के बाद छछूंदर >> छै रंगों के फूल खिले हैं मेरे घर के आगे किसी नए सुख के दरवाज़े ख़्वाब से जैसे जागे उन के पीछे रंग बहुत हैं और बहुत अंदाज़े उन के पीछे शहर बहुत हैं और बहुत दरवाज़े Share on: