दस्तक By Nazm << हम दीन-दार बच्चे ख़ाली गुल्लक >> दर्द के गहरे सन्नाटे में क़रिया-ए-जाँ के बंद किवाड़ पे दस्तक दे कर हल्की सी सरगोशी कर के कोई तो पूछे अब तक ज़िंदा रहने वालो हिज्र के गहरे सन्नाटों में अपने आप से बिछड़े लोगो कैसे ज़िंदा रह लेते हो Share on: