धुन By Nazm << रह-ज़नी ख़ूब नहीं ख़्वाजा... जलती सिगरेट >> जब से खोली है आँख दुनिया में एक ही धुन सवार रहती है जिस्म का खौल जो मिला है मुझे साँस ले ले के तोड़ दूँ उस को और धरती की गोद में चुप-चाप आ के सो जाऊँ मैं अमर हो जाऊँ Share on: