दिल में ऐसे ठहर गए हैं ग़म By फ़िल्मी शेर, Nazm << बरसात आदमी का >> दिल में ऐसे ठहर गए हैं ग़म जैसे जंगल में शाम के साए जाते जाते सहम के रुक जाएँ मर के देखें उदास राहों पर कैसे बुझते हुए उजालों में दूर तक धूल ही धूल उड़ती है! Share on: