ये सामने दीवार पर जो कोएले से 786 लिखा है और जो ज़िंदा आबाद है और फ़ाख़्ता की चोंच में ज़ैतून की जो शाख़ है ये तीन चीज़ें वो हैं जवान ख़ूबसूरत बच्चियों ने अपने अब्बू के लिए तख़्लीक़ की हैं ताकि अब्बू चर्ख़ पर झूले तो इक अल्लाह को और अपने ज़िंदाबाद को और अपनी छोटी सी हक़ीक़त को न भूले झूलते ही झूलते बस पार उतर जाए