तआ'क़ुब By Nazm << तुम कहते हो चोर चूहे और बच्चे >> ख़्वाहिश के शिकारी कुत्ते मेरा पीछा कर रहे हैं मेरी बू सूँघते हुए ज़िंदगी की आख़िरी हद तक आ गए हैं अब ख़्वाबों का गहरा ग़ार भी मुझे बचा नहीं सकता Share on: