एक डायलॉग सुब्ह के वक़्त By बोल्ड पोयम, Nazm << साल की आख़िरी शब अजनबी औरत >> कल अचानक यहाँ उस ने मुझ से कहा रात भर मेरी मिट्टी को इक नेवला धड़धड़ाता रहा मैं ने हँस कर कहा ये अजब बात है मेरे सीने से भी कोई चिमटा रहा छिपकिली की तरह Share on: