आए बादल चली हवा जागे फूल सजीं बेलें आज हमारी छुट्टी है छुट्टी के दिन क्या खेलें हरा समुंदर गोपी चंद्र बोल मेरी मछली कितना पानी अपने दिल में इतनी हिम्मत बीच समुंदर जितना पानी कोड़ा जमाल शाही पीछे देखा मार खाई हँसते बस्ते हँसी ख़ुशी खेलें बहनें खेलें भाई खेल भी है ये वर्ज़िश भी खेले कूदे जान बनाई हम फूलों भरे आते हैं आते हैं आते हैं तुम किस को लेने आते हो आते हैं आते हैं वो साथी जो खेल में अव्वल जो साथी ता'लीम में आगे उस को हम ले जाएँगे अपना साथी बनाएँगे हम तो सब ही आगे हैं हम तो सब ही अव्वल हैं तुम फूलों भरे जाते हो जाते हो जाते हो