एक लोरी सिर्फ़ अपने लिए By Nazm << जुगनू एहसास-ए-ग़ैरत >> आसमान नीला है धरती तो भरती है राजा बेटे जितना जी चाहे अब सो जा ख़्वाबों की दुनिया में शहज़ादी परियाँ हैं उन की पनाहों में उन की ही बाँहों में सियाने बेटे जितना जी चाहे अब सो जा Share on: