एक याद By Nazm << हिज्र के पर भीग जाएँ मज़दूर औरतें >> कच्चे आँगन का वो घर वो बाम-ओ-दर गाँव की पगडंडियाँ वो रहगुज़र वो नदी का सुरमई पानी शजर जा नहीं सकता बजा उन तक मगर सामने रहते हैं वो शाम-ओ-सहर Share on: