फ़रार By Nazm << क़यामत नौ-जवान ख़ातून से >> रात का बीतना दिन का आना कौन सी ऐसी नई बात है जिस पर हम सब इतने अफ़्सुर्दा हैं खिड़की खोलो उस तरफ़ सामने देखो वो खड़ी है छत पर Share on: