पयाम-ए-शौक़ को सोज़-ए-असर दे नवा में आग की तासीर भर दे हुकूमत का नहीं मैं आरज़ू-मंद न ये कहता हूँ जाह-ओ-माल-ओ-ज़र दे अता कर लफ़्ज़-ओ-मा'नी के जवाहर दुर-ए-नायाब ला-सानी गुहर दे दिल-ए-तीरा को रख आगाह-ए-फ़ितरत सवाद-ए-चश्म को हुस्न-ए-नज़र दे क़मर की रौशनी ख़ुर्शेद की ज़ौ सुकूत-ए-शाम नग़्मात-ए-सहर दे पयाम-ए-शौक़ को सोज़-ए-असर दे नवा में आग की तासीर भर दे