फुवार By Nazm << अना का परिंदा घुँगरू खोल ज़रा >> हम ने उम्र के इतने साल गुज़ारे अपने साथ ख़ुश बे-रौनक़ अफ़्सुर्दा हैराँ नाराज़ अजीब लेकिन तेरे साथ गुज़रने वाला ये पल एक मुकम्मल लम्हा है जिस में महसूसात के इन सारे रंगों की बारिश एक ही फुवार में हम पर बरस गई है Share on: