मुझे ना समझने वाले कुछ ना समझने वाले अक्सर मिलते हैं और आगे भी मिलते रहेंगे देखो तुम्हारे होने ना होने से कोई ख़ास फ़र्क़ नहीं आया इन की बे-रुख़ी अक्सर तुम्हारी शक्ल ले लेती है और मुझे तुम्हारी कमी का ज़रा भी एहसास नहीं होता काश तुम्हें भी कुछ ऐसे पागल लोग मिलें जो तुम्हें समझने की ज़िद में और पागल हुए जा रहे हों और तुम एक आम वाक़िआ' समझ के भूल जाओ मुझे