जमीला शकीला की थी इक सहेली सहेली भी इक उम्र की साथ खेली बहुत ही था इख़्लास और प्यार उन में हुई थी न झूटों भी तकरार उन में थी यूँ तो हर इक खेल से उन को रग़बत मगर सब से बढ़ कर थी गुड़ियों की चाहत जमीला की गुड़िया थी चीनी की मूरत शकीला का गुड्डा भी था ख़ूबसूरत शकीला ने सोचा कि शादी रचाएँ जमीला सहेली को समधन बनाएँ शकीला बड़े चाव से चल के आई वो गुड्डे की मंगनी का पैग़ाम लाई कई लड़कियाँ और भी साथ आईं जमीला के घर आ के बातें बनाईं इधर की उधर की हुईं ख़ूब बातें ये मंगनी की बातें रहीं चंद रातें ये बात और वो बात और कभी हाँ कभी नाँ कई दिन रहीं बी शकीला परेशाँ पर आख़िर वो आ ही गई नेक साअ'त न बाक़ी रही कोई झगड़े की सूरत जमीला ने मंज़ूर कर ली ये शादी ख़बर सारे बच्चों को इस की सुना दी इजाज़त उन्हों ने बड़ों से भी ले ली फिर अच्छी सी तारीख़ शादी की तय की क़रीब आए शादी की तक़रीब के दिन तो काटे ये दिन सारे बच्चों ने गिन गिन वो शादी की तारीख़ जिस रोज़ आई मसर्रत ने दुनिया में नौबत बजाई शकीला ने गुड्डे को दूल्हा बनाया उसे एक बढ़िया सा जोड़ा पहनाया वो कुर्ता वो अचकन वो पगड़ी वो पटका वो रेशम की शलवार वस्ली का जूता वो मुन्ना सा रूमाल मोज़े टसर के झमकती कला उस के सलमे सितारे जड़ाव अँगूठी वो मोती की माला वो रंगीन जामा वो फूलों का सहरा बिठा उस को घोड़े पे वो साथ लाई बरात उस ने गुड्डे की अपनी सजाई चले साथ बन बन के बच्चे बराती चली पार्टी एक गाती बजाती तड़ातड़ वो ताशों की बाजों की टें-टें मजीरे की टन टन नफ़ीरी की पें-पें वो लोगों का चलना पटाख़ों का छुटना हवा में अनारों के फूलों का लुटना इसी ठाठ से चल के बारात आई दुल्हन की तरफ़ से हुई पेशवाई जमीला ने सब का क्या ख़ैर मुक़द्दम मिले हो के बाहम वो सब शाद-ओ-ख़ुर्रम जहाँ फ़र्श इक चाँदनी का बिछा था थी मसनद नई गाव तकिया नया था वहाँ मेहमानों को लॉकर बिठाया दिए पान और सब को शर्बत पिलाया बुलाए गए शहर से एक क़ाज़ी दुल्हन और दूल्हा हुए दोनों राज़ी ज़रा देर में हो गई उन की शादी सभी अहल-ए-महफ़िल ने दिल से दुआ दी छुवारे लुटे फिर बटी कुछ मिठाई मिठाई ये सब ने मज़े ले के खाई हुए शाद मेहमान छोटे बड़े कुल मुबारक सलामत का पस मच गया ग़ुल हुआ वक़्त गुड़िया की रुख़्सत का जिस दम जमीला के चेहरे पे था ग़म का आलम शकीला ने झट पालकी इक मँगाई बिठा उस में गुड़िया को घर अपने लाई हुई ख़ूब शोहरत हुआ ख़ूब ख़र्चा रहा शहर में मुद्दतों इस का चर्चा ग़रज़ ब्याह गुड्डे का गुड़िया का जैसा हुआ ये हुआ होगा 'नय्यर' न ऐसा