रात ही रात में रास्ते शहर से जंगलों को मुड़े नींद गुम हो गई ख़ूबसूरत हसीं ख़ूब-रू लड़कियाँ औरतें बन गईं बहते पानी में उन को बहाया गया ख़्वाब-ज़ादे हुए दास्तानों में गुम रात ही रात में अज़दहे नौ-जवानों का दिल खा गए नेटी-जेटी पे सब लापता हो गए आन की आन में शहर कैसे मिटा ख़्वाब कैसे जिला