''ख़्वाहिश बाज़ू फैलाती है'' By Nazm << साँप का साया ख़्वाब मेरे ड... ''जब तर्सील बटन त... >> उस के बदन की पागल ख़ुशबू अपने परों पर मुझ को उड़ाए चारों दिशा की सैर कराए रात जगाए दिन सुलगाए Share on: