हवस By Nazm << दुश्मन की तरफ़ दोस्ती का ... बहुत घुटन है >> ब-ज़ाहिर ख़ूबसूरत हैं तकल्लुम का तरीक़ा भी बहुत उम्दा सा उन का बदन पर डाल कर पोशाक महँगे दाम वाली वो समझते हैं निगाहों की हवस भी ढाँप ली हम ने मगर वो जानते कब हैं हवस का जिस्म नंगा है Share on: