आज ख़ुशी से नाचते बच्चे करते हैं सब काम ख़ुशियों से भरपूर ईद-गाह में शोर है कितना मेले का हंगाम ग़म से चकना-चूर अच्छे अच्छे कपड़े पहने बच्चों की इक फ़ौज मौसम है रंगीन चलता फिरता एक समुंदर मौज से मिलती मौज बच्चे बजाएँ बीन सारे खेल खिलौने सितवत गड-मड होते जाएँ मिल कर सब चिल्लाऐं उन सारे चेहरों में कितने चेहरे रूप बनाईं सब को क्यों ललचाएँ ईद है आई ईद रे बच्चो ईद है आई ईद बिछड़े आन मिलेंगे फिर से हो जाएगी दीद